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चर्चा में रहे लोगों से बातचीत पर आधारित साप्ताहिक कार्यक्रम

एलेन ने ग्रीन ऑफिस जैसे कमरों में कर्मचारियों का संज्ञानात्मक परीक्षण किया.
कुछ कमरों में वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों का स्तर कम था जैसा कि कम उत्सर्जन वाली निर्माण सामग्रियों के इस्तेमाल पर होता है. कुछ कमरों में वेंटिलेशन की सुविधा बेहतर थी.
परंपरागत दफ़्तरों के मुक़ाबले यहां निर्णय क्षमता और विचार परीक्षण में अधिक अंक मिले. जहां उत्सर्जन कम था और वेंटिलेशन भी बेहतर था, वहां अंक भी सबसे बेहतर थे.
सिंगापुर की हरित इमारतों और ग़ैर-हरित इमारतों के बारे में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है.
हरित इमारतों में सूक्ष्म कण, बैक्टिरिया और फंगस का स्तर कम पाया गया. यहां आर्द्रता और तापमान का स्तर भी अधिक सुसंगत था.
300 से ज़्यादा कर्मचारियों का इंटरव्यू लिया गया. उनमें से जो हरित इमारतों में काम करने वाले थे उनमें सिरदर्द, खुजली और काम के दौरान थकान का ख़तरा कम था.
इस अध्ययन में लंबी अवधि के स्वास्थ्य पर शोध नहीं किया गया था. लेकिन यह एक शुरुआत है.
आर्किटेक्ट होली सैमुएल्सन अब हार्वर्ड के ग्रैजुएट स्कूल ऑफ़ डिजाइन में प्रोफेसर हैं.
उनके मुताबिक़ सबसे बड़ा बदलाव यह आया है कि आंतरिक सजावट, साज-सामान और पेंट के लिए ऐसा बाज़ार तैयार हुआ है जो हवा का ध्यान रखता है. दस साल पहले ऐसे विकल्प बहुत कम थे.
"यह बहुत मुश्किल था. मिसाल के लिए ऐसा पेंट ढूंढ़ना जो कम कार्बनिक उत्सर्जन के दिशानिर्देशों पर खरा उतरता हो. 10 साल पहले जो नहीं मिलता था, वह अब आसानी से इस्तेमाल होता है."
वैज्ञानिक रूप से, हालांकि इस सोच में संभावनाएं हैं, लेकिन नतीजे तक पहुंचने के लिए अभी और काम करने की ज़रूरत है.
एलेन का कहना है कि अच्छी हवा के लिए फैंसी या नई इमारत की ज़रूरत नहीं है. पुरानी इमारतों की थोड़ी सी देखभाल करने से वे भी बेहतर हो सकती हैं.
इसका मतलब है कि मशीनी वेंटिलेशन सिस्टम को ज़्यादा चलाना और जब भी बाहर हवा साफ हो तब खिड़कियां खोल देना या फिर पुरानी वेंटिलेशन व्यवस्था को फिर से लगाना जिससे इमारत में उमस कम हो और ठंडी हवा अंदर आए.
अमरीका के लॉरेंस बर्कले नेशनल लेबोरेट्री में मैकेनिकल इंजीनियर विलियम फ़िस्क कहना है कि हवा के बहाव के मौजूदा डिजाइन मानकों का पालन नहीं किया जाता है, ख़ासकर स्कूलों में.
पंखों को लंबे समय तक चलाने में पैसे लगते हैं. जो बिल्डिंगें खुली खिड़की के लिए डिजाइन की जाती हैं, उनकी खिड़कियां भी बिजली बचाने के लिए बंद रखी जाती हैं और अंदर के लोगों की सेहत के साथ समझौता कर लिया जाता है.
फ़िस्क कहते हैं, "सेहत सुधरने और प्रदर्शन बेहतर होने के आर्थिक फ़ायदों पर ध्यान दीजिए. इमारतों को सुधारने के ख़र्च की तुलना में वे फायदे बहुत बड़े हैं."
"यदि आप कर्मचारियों के प्रदर्शन में कुछ फ़ीसदी का भी सुधार कर सकते हैं तो उसका मतलब बहुत सारा पैसा है. इसके आर्थिक फायदे की संभावनाओं को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए."
(मूल लेख अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें, जो बीबीसी वर्कलाइफ पर उपलब्ध है.)

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